-‘आतंकवाद और भारतीय मीडिया’ पुस्तक अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू समाचार पत्रों का आतंकवाद के प्रति दृष्टिकोणों का एक तुलनात्मक अध्ययन है। इसके लेखक हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर राकेश सिन्हा।
इस पुस्तक को तैयार करने में उन्होंने कुछ अन्य विद्वानों का लेखकीय सहयोग लिया है। पुस्तक मुख्यत: तीन घटनाओं पर केन्द्रित है। बाटला हाउस मुठभेड़, मुंबई पर आतंकी हमला और अंतुले प्रकरण। इन तीन घटनाओं पर हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू समाचार पत्रों में प्रकाशित सामग्री पर निष्कर्ष निकालने की कोशिश की गई है।
पुस्तक ने अखबारो की बारीकी से जांच कर कई महत्वपूर्ण अंश अपने पाठकों तक पहंचाये हैं जैसे बाटला हाउस एन्काउन्टर पर जदीद मरकज की यह टिप्पणी ‘पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी इन दो मासूम बच्चों को घसीट कर सड़क पर लाये और सड़क पर ही उनको गोली मार दी गई। बाद में एन्काउन्टर की झूठी कहानी बताई गई।’ पुस्तक बहुत जल्दी तैयार की गई है इसलिए प्रूफ की त्रुटियां रह गईं हैं।