भारत की पहचान भले ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, तेजी से
उभर रही अर्थव्यवस्था और आईटी सुपरपावर के रूप में होती है, लेकिन
इंटरनेट की पहुंच के मामले में यह काफी पीछे है। पिछले दिनों भारत में
इंटरनेट के इस्तेमाल और उसकी कनेक्टिविटी को लेकर तीन रिपोर्ट जारी हुए
हैं। इन रिपोर्ट को भारतीय और वैश्विक एजेंसियों ने जारी किया है।
इंडिया ऑनलाइन-2009 के मुताबिक भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले
यूजर्स की संख्या में 30 लाख तक की गिरावट आई है। इस सर्वे को ऑनलाइन
रिसर्च कंपनी जक्स्टकंसल्ट ने किया है। इस कंपनी ने इस सर्वे को खास तौर
पर ईटी को उपलब्ध कराया है। दो अन्य रिपोर्ट र्वल्ड इकनॉमिक
फोरम-आईएनएसईएडी और एक्माई टेक्नोलॉजीज ने किया है। इनकी रिपोर्ट में भी
इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की घटती संख्याओं पर चिंता व्यक्त की
गई है।
आगे जानिए और क्या हैं कारण इस गिरावट के..
साइबर कैफ को लेकर सख्त नीति, स्थानीय कंटेंट का अभाव, कंप्यूटर का
अफोडेर्बल न होना, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी में निवेश की कमी, टेक्नोलॉजी
और दूर-दराज के इलाकों में पहुंच नहीं होने से इंटरनेट यूजर्स की संख्या
घट रही है।
इन सब कारणों से देश में इंटरनेट का विस्तार नहीं नहीं हो पा रहा है।
इंटरनेट यूजर की संख्या में ऐसे समय में कमी आ रही है जब ऑटोमोबाइल,
कंज्यूमर ड्यूरेबल और टेलीकॉम कंपनियां तेजी से विस्तार कर रही हैं।
देश के प्रमुख शहरों में साइबर कैफे की संख्या में आई भारी गिरावट से
इंटरनेट यूजर्स घट गए हैं। साल 2006 में देश में 2,35,000 साइबर कैफे थे,
वहीं 2009 में यह घटकर महज 1.8 लाख रह गई है।
यह जानकारी इंटरनेट सविर्स प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएसपीएआई)
ने दी है। साल 2008 में साइबर कैफे में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले
यूजर्स की संख्या केवल 45 से 50 लाख ही रह गई थी। साल 2009 में कैफे
इंटरनेट यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट आई है और यह घटकर 22 लाख रह गई
है। इस तरह से यूजर्स की संख्या में करीब 23 लाख की कमी आई है।
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